कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में एक बड़ा ऐलान किया। इस ऐलान के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी वृद्धि दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान दिया था। यह संकेत मिला है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में हुई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर से रिजर्व बैंक खुश नहीं है और उम्मीद से ज्यादा वृद्धि को दर्ज कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर को हासिल किया था।
RBI ने अन्य भी कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है और यूपीआई लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा को एक लाख रुपये तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को भी सात प्रतिशत कर दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अनिश्चित खाद्य कीमतों के साथ मुद्रास्फीति की स्थिति का ध्यान रखा है। वे विदेशी मुद्रा भंडार के संबंध में भी सतर्क रह रहे हैं और प्रस्तावित आवर्ती भुगतान की सीमा में बदलाव के लिए भी प्रस्ताव दिया है। आरबीआई ने अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक की तारीख भी तय की है, जो 6 से 8 फरवरी, 2024 को होगी।
इस बड़े ऐलान के साथ RBI ने अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने और आर्थिक स्थिरता में सुधार करने के लिए कई उपायों का सुझाव भी दिया है। ये नए साल में लोगों को आर्थिक रूप से राहत देने वाले कदम हैं।